बीजापुर। छत्तीसगढ़ राज्य मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष भरत मटीयारा ने बीजापुर जिले का एक दिवसीय दौरा किया, जिसमें उन्होंने मत्स्य पालकों और कृषकों के साथ गहन संवाद किया तथा क्षेत्र में संचालित मत्स्य पालन से जुड़ी गतिविधियों का स्थलीय निरीक्षण किया। उनके दौरे को मछुआ समुदाय के बीच उम्मीदों की नई किरण के रूप में देखा जा रहा है।
दौरे की शुरुआत जिला पंचायत बीजापुर के सभा गृह में आयोजित संगोष्ठी से हुई, जहाँ बड़ी संख्या में मत्स्य कृषकों और किसानों ने भाग लिया। इस अवसर पर मटीयारा ने किसानों को राज्य सरकार द्वारा मत्स्य पालन और कृषि क्षेत्र में चलाई जा रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए प्रतिबद्ध है, और मछुआ समुदाय की बेहतरी के लिए अनेक योजनाएं लागू की जा रही हैं।
सरकार की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे -मटीयारा
मटीयारा ने कहा कि मछुआ समाज राज्य की आर्थिक रीढ़ है और इनके उत्थान के लिए राज्य सरकार सतत प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि मत्स्य पालन को कृषि का सहयोगी व्यवसाय मानते हुए इसके विकास के लिए नई योजनाएं लागू की गई हैं, जिनसे मत्स्य पालकों की आमदनी में वृद्धि हो रही है। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र हितग्राही तक समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से पहुँचे।
कोतापाल (बोरजे) सिंचाई तालाब का फील्ड विजिट- सभा के पश्चात मटीयारा ने कोतापाल (बोरजे) स्थित सिंचाई तालाब का निरीक्षण किया। उन्होंने तालाब की स्थिति, जल स्रोत, मत्स्य बीज की उपलब्धता, तथा वर्तमान में पालन किए जा रहे मत्स्यों की प्रजातियों की जानकारी ली। स्थानीय मछुआरों ने उन्हें अपनी समस्याओं से भी अवगत कराया, जिनके समाधान के लिए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को मौके पर ही आवश्यक निर्देश दिए।
नवीन मत्स्य बीज उत्पादन केंद्र व फिश फार्म का अवलोकन- इसके बाद अध्यक्ष मटीयारा नैमेड़ पहुँचे, जहाँ उन्होंने नवीन मत्स्य बीज उत्पादन केंद्र और फिश फार्म का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने मत्स्य बीज उत्पादन की प्रक्रिया को देखा और अधिकारियों से इसकी गुणवत्ता, उत्पादन क्षमता, वितरण प्रणाली और किसान लाभान्वयन की जानकारी ली। उन्होंने इस केंद्र को भविष्य में जिले के लिए एक माडल प्रोजेक्ट के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए।
कृषकों को मिला प्रोत्साहन, सरकार पर जताया विश्वास- कार्यक्रम के दौरान मत्स्य कृषकों ने भी सरकार के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस प्रकार की विजिट से उन्हें न केवल प्रोत्साहन मिलता है, बल्कि योजनाओं की सही जानकारी और समाधान भी मिलते हैं। कृषकों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्हें मत्स्य पालन से अच्छी आय हो रही है और यदि प्रशिक्षण, बीज व संसाधन और नियमित रूप से उपलब्ध हों तो वे अपने व्यवसाय को और विस्तार देना चाहते हैं।
अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश- मटीयारा ने जिले के मत्स्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि मछुआ समुदाय की समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता दी जाए तथा योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुँचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि विभागीय कार्यों में पारदर्शिता और सहभागिता जरूरी है।