उद्योग मंदिर की तरह हैं जिससे लाखों लोगों को मिलता है रोजगार के रूप में आशीर्वाद : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

Updated on 28-04-2025 10:44 AM
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि उद्योगों का निर्माण किसी मंदिर के बनने की तरह है। उद्योग ऐसे मंदिर हैं जो भगवान की तरह दर्शन जीविका का प्रसाद और आशीर्वाद देते हैं। श्रम शक्ति से लाखों व्यक्तियों को रोजी-रोटी मिलती है। आज के तकनीकी दौर में छोटे देश भी प्रगति कर रहे हैं। युद्धों से विकास में पिछड़ने वाले देश भी उद्यमशीलता से विकसित हो जाते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम आज बदलते दौर का भारत देख रहे हैं, जहां कई क्षेत्रों में तीव्र प्रगति हो रही है। इंदौर ने उद्योगों के विकास का कीर्तिमान बनाया है, इंदौर आईटी क्षेत्र की राजधानी है। इंदौर में श्री अतुल पंचशील जैसे उद्योगपति विशिष्ट कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया प्रदेश में पाँच बड़े नगरों में इण्डस्ट्री पार्क प्रारंभ किये जा रहे हैं। कोरिया जैसे देश जिनसे भारत का पुराना सांस्कृतिक नाता है, वे भी मध्यप्रदेश में निवेश के लिये इच्छुक हैं। आज की कॉन्क्लेव में कोरिया और जापान से भी प्रतिनिधि आये हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कॉन्क्लेव से लगभग 20 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे लगभग 75 हजार रोजगार सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि मुझे बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि आज के टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के भूमि-पूजन एवं शिलान्यास भी हुए हैं। इसमें से जीआईएस-भोपाल में आईटी सेक्टर में प्राप्त 99 प्रस्तावों में से 25 प्रतिशत का आज भूमि-पूजन हुआ है, जो इस बात का द्योतक है कि हम बस वादे नहीं करते, उन्हें धरातल पर उतारकर भी दिखाते हैं। 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भोपाल जिले के बैरसिया में मोबाईल, सेमीकंडक्टर डिवाइस पार्क बनाने वाले प्रतिष्ठान विश्व स्तरीय अधोसंरचना का लाभ प्राप्त करेंगे। लगभग 209 एकड़ क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के इस मेगा प्रोजेक्ट से बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध कराना संभव होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल के बैरसिया में महत्वपूर्ण निवेश करीब 1500 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने में सफलता मिली है। स्पेस टेक नीति के अंतर्गत यह कार्य होगा। इससे सायबर सुरक्षा के क्षेत्र में नया दौर सामने आयेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंदौर में एग्रीटेक उत्कृष्टता केन्द्र बनेगा। ड्रोन तकनीक सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आयेगा। परदेशीपुरा आईटी पार्क से नई संभावनाएँ विकसित होंगी। इंदौर आईटी क्षेत्र की नई राजधानी बन गयी है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा तैयार की गयी 18 उद्योग हितैषी नीतियों का लोकार्पण किया था। ये नीतियाँ उद्योगों के विकास में उपयोगी सिद्ध हो रही हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश में अद्भूत कार्य किया है। उनके विकसित भारत@2047 के संकल्प के अनुसार मध्यप्रदेश में निरंतर कार्य हो रहा है। जीआईएस-भोपाल से उद्योग स्थापना के सभी रिकार्ड टूटे हैं। उद्योगपति स्वयं यह कह रहे हैं कि मध्यप्रदेश में एक माह में उद्योग लगाने का कार्य संभव हुआ है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश तेज गति से कृषि विकास दर प्राप्त कर रहा है। आगामी 3 मई को कृषि मेला आयोजित किया जा रहा है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 11 हजार से बढ़कर एक लाख 52 हजार रुपये तक पहुंच गयी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंदौर में आज हुई कॉन्क्लेव में एमओयू करने वाले सभी औद्योगिक संस्थान बधाई के पात्र हैं। कॉन्क्लेव के दौरान चार नई औद्योगिक नीतियों की गाइड लाईन जारी की गयी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश अब मात्र वादों का नहीं, जनता से किये गये वादों को पूरा कर विकास के पथ पर अग्रसर होने वाला राज्य है। “टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025” मध्यप्रदेश की तकनीकी-परक औद्योगिक यात्रा का स्वर्णिम पड़ाव है। आज का दिन मध्यप्रदेश के टेक्नो-इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा। इन्दौर में टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव का सफल आयोजन हुआ है। यह सिर्फ एक कॉन्क्लेव नहीं है, बल्कि प्रदेश की तकनीकी-परक अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए ऐतिहासिक कदम है।


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 में हमने दुनिया को मध्यप्रदेश की प्रौद्योगिकी क्षमता से रूबरू करवाया था। यह कॉन्क्लेव उसी संकल्प का जीवंत उदाहरण है, जहां हम “इरादों को निवेश में” और 'नीतियों को क्रियान्वयन' में बदल रहे हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को हुए अभी 60 दिन ही हुए हैं और इस अल्प समय में टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव का सफल आयोजन हमारी 'प्रॉमिस्ड डिलीवरी' की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के निवेश इरादों को ठोस निवेश में बदलना, राज्य में तकनीकी विकास के लिए सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना, नए आईटी पार्क, सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस, इनक्यूबेटर्स की स्थापना करना, प्रमुख बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं के लिए भूमि-पूजन कर आधारशिला रखना एवं पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं का लोकार्पण करना, जीसीसी, आईटी, आईटीईएस सेमीकंडक्टर्स, ड्रोन, और एवीजीसी-एक्सआर पर चर्चा करके इन नीतियों का सफल क्रियान्वयन कराना, मुख्यमंत्री डॉ. यादव और उद्योगपतियों के बीच विशेष बैठकें आयोजित कर निवेश स्वीकृतियों और परियोजना-स्तरीय चिंताओं पर चर्चा करना और रीयल-टाइम अपडेट और एंड-टू-एंड सुविधा प्रदान करने के साथ प्रदेश को नवाचार और निवेश के लिए एक वैश्विक गंतव्य के रूप में स्थापित करना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कॉन्क्लेव में 19 निवेशकों से वन-टू-वन मीटिंगभी की गई।

कॉन्क्लेव में की गईं प्रमुख घोषणाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की स्पेस टेक नीति बनाई जायेगी, जिससे राज्य में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और उद्यमों को प्रोत्साहन मिलेगा। राज्य में सायबर सुरक्षा सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जायेगी। भोपाल में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर 2.0 परियोजना के तहत इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित किया जायेगा। इसमें 1,500 करोड़ रूपये के निवेश से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजी क्षेत्रीय केन्द्र बनाया जायेगा, जो डिजिटल नवाचार, रचनात्मक शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट के लिए एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म के रूप में काम करेगा। एग्रीटेक सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस - आईआईटी इन्दौर में स्थापित किया जायेगा, जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस क्लाउड एवं अन्य तकनीकों पर आधारित कृषि नवाचारों को बढ़ावा देगा। इवेंट में निवेश प्रोत्साहन को सुविधाजनक बनाने के लिये एमपी डिजिटल इकोनॉमी मिशन का गठन किया जायेगा। इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर के प्रमुख आईटी पार्कों में 4 नए सुविधा केंद्रों का गठन किया जायेगा। आईटी स्टार्टअप्स को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत शामिल किया जायेगा। आईटी पार्क टॉवर भोपाल बनाया जायेगा, जिसमें 125 करोड़ रूपये की लागत से 3 लाख वर्ग फिट लीज़बल स्पेस बनाई जायेगी। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर में प्लग एंड प्ले सुविधा विकसित की जाएगी, जिससे टेक स्टार्टअप्स और कंपनियों को तैयार इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि देश का स्वच्छतम शहर इन्दौर शहर अब टू टीयर शहर से आगे बढ़ चुका है। यह शहर क्लीन और ग्रीन सिटी है। आने वाले समय में पर्यावरण क्षेत्र में सुधार होगा और शहर में तापमान 5 डिग्री तक कम करने में सफलता प्राप्त होगी।

जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने उद्योगों के विकास संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस संकल्प के अनुसार निरंतर महत्वपूर्ण निर्णय लेकर उनका क्रियान्वयन करवाया है।


मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने कहा कि जीआईएस-भोपाल में प्राप्त निवेश प्रस्ताव महत्वपूर्ण रहे। प्रत्येक एमओयू की मुख्यमंत्री के स्तर पर प्रतिमाह समीक्षा की जाती है। जीआईएस-भोपाल में हुये एमओयू पर तेज गति से कार्य हो रहा है। दो माह में यह उपलब्धि प्राप्त हुई है। समिट में 18 उद्योग नीतियों की घोषणा के बाद उन पर अमल भी किया जा रहा है। प्रदेश में कृषि दर के बाद अब कुल ग्रोथ रेट भी बढ़ रही है। स्वास्थ्य और शिक्षा के साथ अधोसंरचनात्मक विकास हो रहा है। आई.टी. क्षेत्र में 4 नीतियाँ लागू की गयी हैं। उद्योगों को सहायता देने में मध्यप्रदेश अन्य राज्यों से आगे है। किसी उद्योग की स्थापना के लिये आवश्यक स्वीकृतियाँ समय पर प्रदान की जा रही हैं। मुख्य सचिव श्री जैन ने मध्यप्रदेश की अनुकूलताओं और विशेषताओं की भी जानकारी दी।

अपर मुख्य सचिव सूचना प्रौद्योगिकी श्री संजय दुबे ने कहा कि फरवरी में हुई जीआईएस-भोपाल में तीन प्रमुख क्षेत्रों टेक्सटाईल, पर्यटन, टेक्नोलॉजी पर जोर दिया गया था। देश भर में 70 हजार करोड़ रुपये का निवेश जमीन पर उतारने में सफलता मिली है। निवेशकों को समय सीमा में जरूरी स्वीकृतियां प्राप्त हो रही है। एसीएस श्री दुबे ने कहा कि प्लग एंड प्ले की अनुकूलता उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए प्रेरित कर रही है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का लाभ निवेशकों को मिल रहा है। श्रमिकों की उपलब्धता प्राप्ति और आवश्यक अधोसंरचना में मध्यप्रदेश अन्य राज्यों से आगे है। किसी उद्योग की स्थापना के लिए आवश्यक स्वीकृति समय पर प्रदान की जा रही हैं। कार्यक्रम में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा निर्मित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्रम् से किया गया।

भूमि-पूजन और शिलान्यास

कंट्रोल-एस (CtrlS) डेटा सेंटर के लियेसीसीआईपीके तहत 5 एकड़ भूमि आवंटित हुई हैं। इनके द्वारा भोपाल के बड़वई आईटी पार्क में 12 मेगाबाइट का डाटा सेंटरका निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में अनुमानित निवेश लगभग 500करोड़रूपये हैं, जिससे प्रत्यक्ष 200 से अधिक लोगों को रोजगारप्राप्त होगा।

पंचशील इंफ्रा डेवलपर्स : इन्हें सीसीआईपी के तहत 10 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। इन के द्वारा इंदौर के सुपर कॉरिडोर में आईटी बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा, जिसका निर्मित क्षेत्रफल लगभग 20 लाख वर्ग फुट होगा। इस प्रोजेक्ट में अनुमानित निवेश लगभग 1000 करोड़ रुपये है, जिस से प्रत्यक्ष रूप से 15000 से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।

दृष्टि आईआईटीआई इनक्यूबेशन सेंटर: इनके द्वारा सिन्हासा आईटी पार्क, इंदौर में 10,248 वर्ग फुट में 120 सीटर स्टार्ट-अप स्पेस का निर्माण किया जाएगा, जो प्रदेश के स्टार्ट-अप्स को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाने का कार्य करेगा। इस प्रोजेक्ट में अनुमानित निवेश लगभग 7 करोड़ रुपये है जो लगभग 120 स्टार्ट-अप्स कंपनियों के लिए पर्याप्त होगा।


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मुझे आपको यह बताते हुए और भी गर्व हो रहा है कि आज के कॉन्क्लेव में ही कई परियोजनाओं का शुभारंभ भी हुआ है जो विश्वास दिलाता है कि मध्यप्रदेश भारत का टेक हब बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। आज जिन संस्थाओं की परियोजनाओं की शुरूआत हुई है उनमें - बीईएल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और सॉफ्ट वेयर डेवलपमेंट सेंटर: जो कि इंदौर के सिन्हासा आईटी पार्कमें एमपीएसईडीसी के साथ स्थापित है। यह सेंटर एआई तकनीकों पर केंद्रित है। इस प्रोजेक्ट में लगभग 3 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जिससे प्रत्यक्ष रूप से लगभग 50 लोगोंको रोजगार प्राप्त हुआ है। जबलपुर आईटी पार्क ब्लॉक बी: आईटी/आईटीईएस इकाइयों के लिए रेडी टू टेक बिल्डिंग को 25 करोड़ रूपये के निवेश से एमपीएसईडीसी द्वारा निर्मित किया गया है, जिससे प्रत्यक्ष रूप से लगभग 500 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। कास्ट एनएक्स (देवास स्थित ईएसडीएम स्टार्टअप): पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स और एआई-आईओटी समाधानों में विशेषज्ञता लिए यह संस्थान देवास में स्थित है जिसमें लगभग 20 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है जो सीधे तौर पर लगभग 150 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। वर्कि-टेक पार्क : यह एक आईटी/आईटीईएस इकाई है जिसकी सौगात इंदौर को मिली है। इस प्रोजेक्ट में लगभग 20 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जिससे प्रत्यक्ष रूप से लगभग 7000 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है।

इसके अलावा अन्य औद्योगिक ​सेक्टर में कुल 452.95 करोड़ रूपये के निवेश वाली एक सशक्त परियोजना-श्रृंखला की घोषणा हुई है। इससे हेवी इंजीनियरिंग, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स, फर्नीचर, फूड प्रोसेसिंग, मेडिकल डिवाइसेज और ऑटो कंपोनेंट्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों में 2,049 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है। इनमें से छहपरियोजनाओंकाभूमि-पूजनहुआ है, जिसमें 195.5 करोड़रूपये कानिवेशसंभावित है औरइन परियोजनाओं से 1,200नवीन रोजगार का सृजन होगा। पांच नई औद्योगिक इकाइयों का उद्घाटन हुआ है, जिसमें32.4करोड़रूपये कानिवेशऔर 214नए रोजगार सृजन हुए है। इसके साथ ही पांच उभरते उद्यमों के लिए 225.05 करोड़ रूपये के निवेश के साथ 635नए रोजगार सृजन हेतु आवंटन पत्र जारी किए गए हैं। इसमें पीपीपी मोड पर इंदौर के आईटी पार्क (परदेशीपुरा) में आईटी टॉवर, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर हेतु ऑप्टिकल फायबर, भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर में स्थापित होने वाली 8 कंपनियों को कुल 12 आवंटन पत्र जारी किए गए हैं।


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