जालौन। आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देश के हर हिस्से से रामभक्त कुछ न कुछ अपना योगदान देने को आतुर हैं। जालौन के महिला समूहों की एक टोली ने अतिथियों को देने के लिए गाय के गोबर से स्मृति चिह्न बना डाला है, जिसे अतिथियों एवं साधु-संतों को स्मृति चिह्न के रूप में भेंट किया जायेगा।
इस स्मृति चिह्न को जालौन की महिला समूहों ने तैयार किया है। प्रत्येक स्मृति चिह्न बनाने में समूह का साढ़े चार सौ रुपये का खर्च आया। योगी सरकार भी गोबर से बने उत्पादों को खूब बढ़ावा दे रही है। यह 22 जनवरी को अयोध्या में होने जा रहे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में साफ तौर पर देखने को मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम में कई मठों-मंदिरों के साधु संतों व मेहमान पहुंच रहे हैं, उनको सम्मान स्वरूप देने के लिए जालौन के उरई में एक हजार रामजन्म भूमि स्मृति चिह्न तैयार करने का आर्डर जिला प्रशासन की ओर से दिया गया। यह काम महिला समूह का संचालन करने वाली गिरजा महिला बाल विकास सेवा संस्थान को मिला।
संचालिका गिरजा ने बताया कि आर्डर मिलने के बाद तुरंत काम शुरू किया, अभी तक 1000 (एक हज़ार) से अधिक हूबहू अयोध्या रामजन्म भूमि की तरह स्मृति चिह्न बनाकर अयोध्या भेजा जा चुका है।
उन्होंने बताया कि खास बात यह है कि इस स्मृति चिह्न को गाय के गोबर से तैयार किया गया। इसे तैयार करने में 20 दिन का समय लगा, जबकि एक स्मृति चिन्ह पर खर्च साढ़े चार सौ रुपये आया है। संचालिका के अनुसार वैसे तो अयोध्या से एक हजार का आर्डर मिला था, लेकिन राम का काज होने से उन्होंने भी समूह की तरफ से सौ अतिरिक्त स्मृति चिन्ह निःशुल्क भेंजे है। उसका कोई पेमेंट नहीं लिया गया। महिलाओं ने बताया कि यह बड़े ही सौभाग्य की बात है कि राम मंदिर का स्मृति चिह्न बनाने का मौका हमलोगों को मिला।