यमन के उत्तरी प्रांत सादा में सोमवार को अमेरिकी हमले में 68 लोगों की मौत हो गई है। ये हमला अफ्रीकी प्रवासियों को रखने वाले एक डिटेंशन सेंटर पर किया गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस जेल में 115 कैदी थे, जिनमें से 47 घायल भी हुए हैं। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। इनमें से ज्यादातर की हालत गंभीर बताई जा रही है।
यमन की अल मसीरा टीवी ने इस हमले की जो फुटेज जारी की है, उसमें सादा में डिटेंशन सेंटर पर बमबारी के बाद मलबे में पड़े कई शव दिखाई दे रहे हैं।
सादा के जनरल रिपब्लिकन अस्पताल ने टेलीग्राम पर एक पोस्ट में कहा कि दर्जनों लोगों की मौत हुई है और कम से कम 50 घायल लोग अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं।
अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने हमले को लेकर प्रतिक्रिया नहीं दी
फिलहाल इस हमले को लेकर अमेरिकी सेना की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने हमले की खबर सामने आने से पहले एक बयान जारी कर कहा था कि वे अपने एयरस्ट्राइक मिशन के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं करेंगे।
सेंटकॉम ने कहा, 'ऑपरेशनल सुरक्षा बनाए रखने के लिए हमने जानबूझकर अपने मौजूदा या भविष्य के अभियानों की डिटेल्स के बारे में कम से कम जानकारी शेयर की है। हम अपने अभियान को लेकर बेहद सतर्क हैं, लेकिन हम यह नहीं बताएंगे कि हमने क्या किया है या क्या करने वाले हैं।'
CENTCOM ने कहा- तब तक हमला करते रहेंगे जब तक हमारा लक्ष्य पूरा नहीं होता
सेंटकॉम ने X पर बयान पोस्ट कर बताया- 15 मार्च से, अमेरिकी सेंट्रल कमांड (USCENTCOM) ने यमन में हूती आतंकवादी संगठन के खिलाफ एक तेज और लगातार अभियान चलाया है ताकि समुद्री रास्तों की आजाद कराया जा सके। यह अभियान सटीक और डिटेल खुफिया जानकारी के आधार पर चलाया गया है ताकि हूती ठिकानों को निशाना बनाया जाए और आम नागरिकों को कम से कम नुकसान पहुंचे।
जब तक हूती विद्रोही समुद्री मार्गों में बाधा डालते रहेंगे, हम उन पर दबाव बढ़ाते रहेंगे और उनकी ताकत को कमजोर करते रहेंगे। ऑपरेशन 'रफ राइडर' की शुरुआत से अब तक अमेरिकी सेनाओं ने 800 से ज्यादा हूती ठिकानों पर हमले किए हैं। इनमें सैकड़ों हूती लड़ाके और कई बड़े हूती नेता मारे गए हैं, जिनमें मिसाइल और ड्रोन प्रोग्राम्स के सीनियर लीडर्स भी शामिल हैं।
हमलों में कई कमांड सेंटर, एयर डिफेंस सिस्टम, एडवांस्ड हथियार बनाने वाली फैक्ट्रियां और हथियारों के गोदाम नष्ट कर दिए गए हैं। इन गोदामों में जहाजों पर हमला करने वाली बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें, ड्रोन और बिना चालक के पानी के जहाज रखे गए थे, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लाइन पर हमले में इस्तेमाल किया जा रहा था।
हालांकि हूती अभी भी हमलों की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमारे ऑपरेशनों के चलते उनके हमलों की संख्या और प्रभावशीलता में गिरावट आई है। यह भी साफ है कि ईरान लगातार हूती विद्रोहियों का समर्थन कर रहा है। हम तब तक दबाव बनाए रखेंगे जब तक हमारा लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता।
हूती विद्रोहियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रहा अमेरिका
डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार 15 मार्च को अमेरिकी सेना ने यमन में हूती विद्रोहियों पर एयरस्ट्राइक की थी। हमले में 31 लोगों की मौत हुई। इनमें हूती विद्रोहियों के साथ महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। जबकि, 101 लोग घायल हुए।
इस स्ट्राइक के बारे में ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर लिखा- हूती आतंकियों, तुम्हारा वक्त पूरा हो गया है। अमेरिका तुम पर आसमान से ऐसी तबाही बरसाएगा, जो पहले कभी नहीं देखी होगी।
इसके बाद से ही अमेरिका लगातार यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले कर रहा है। 10 दिन पहले की गई एयर स्ट्राइक में 74 लोगों की मौत हुई, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए।
ये एयर स्ट्राइक एक तेल के पोर्ट रास ईसा पर हुई। US सेंट्रल कमांड ने इस स्ट्राइक की पुष्टि की थी, हालांकि उसने मरने वालों का सही आंकड़ा नहीं बताया।
कौन हैं हूती विद्रोही