ढाका: भारत और पाकिस्तान में जंग जैसे हालात के बीच दक्षिण एशिया में एक और युद्ध की आशंका मंडराने लगी है। म्यांमार में चल रहे गृहयुद्ध को देखते हुए बांग्लादेश में आवाज तेज हो रही है कि म्यांमार को बांटकर रोंहिग्या मुस्लिमों के लिए अलग देश बनाया जाए। इस मांग को बांग्लादेश में पाकिस्तान समर्थक कट्टरपंथी पार्टी जमात-ए-इस्लामी ने उठाया है। जमात-ए-इस्लामी ने चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी को दिए अपने प्रस्ताव में कहा कि म्यांमार में रोंहिग्या बहुल अराकान राज्य में एक अलग मुस्लिम देश बनाया जाए। अराकान राज्य पर अभी अराकान आर्मी का कब्जा है। इससे पहले अमेरिका के भी सैन्य जनरल बांग्लादेश के सैन्य नेतृत्व से मिल चुके हैं।ढाका में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं के साथ मुलाकात के दौरान जमात ने चीन को यह प्रस्ताव दिया। चीन की पार्टी के दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया मामलों के प्रभारी पेंग शिउबिन के नेतृत्व में 3 सदस्यीय दल बांग्लादेश पहुंचा है। जमात-ए-इस्लामी के नेता सैयद अब्दुल्ला मोहम्मद ताहेर ने इस मुलाकात में हिस्सा लिया। ताहेर ने इस मुलाकात के बाद दावा किया, 'बांग्लादेश में 11 से 12 लाख रोहिंग्या हैं और अमानवीय परिस्थिति में जीवन गुजार रहे हैं। उनको खाना और कपड़े मुहैया कराना समाधान नहीं है। एक स्थायी समाधान यह है कि उन्हें उनके देश वापस भेजा जाए और फिर से बसाया जाए। इसी वजह से हमने रोहिंग्या बहुल इलाके में एक स्वतंत्र अराकान देश को बनाने का प्रस्ताव दिया है।'
आईएसआई बना रही रोहिंग्या आर्मी
जमात नेता ने चीन को प्रस्ताव देने पर सफाई दी कि बीजिंग का म्यांमार के साथ नजदीकी रिश्ता है और वह अलग अराकान देश बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है। चीनी नेताओं ने जमात-ए-इस्लामी को आश्वासन दिया कि वे इस प्रस्ताव के बारे में चीन की सरकार को बता देंगे। जमात-ए-इस्लामी ने चीन के नेताओं से कहा कि वे तीस्ता प्रोजेक्ट, दूसरे पद्मा नदी पुल और एक बंदरगाह बनाने में निवेश करें। भारत तीस्ता प्रोजेक्ट में चीन को शामिल करने का कड़ा विरोध किया है
जमात-ए-इस्लामी ने यह भी कहा कि चीनी नेताओं के साथ क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा की गई। माना जा रहा है कि उनका इशारा भारत के साथ चल रहे तनाव की ओर था। जमात लगातार भारत के खिलाफ जहर उगल रही है। चीन जल्द ही जमात-ए-इस्लामी के नेताओं को चीन बुलाने जा रहा है। इससे पहले रिपोर्ट आई थी कि बांग्लादेश में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई मोहम्मद यूनुस के राज में सक्रिय हो गई है और रोहिंग्या मुस्लिमों की एक सेना को ट्रेनिंग दे रही है। माना जा रहा है कि रोंहिग्या के नाम पर बांग्लादेश की सेना म्यांमार में हमले की तैयारी कर रही है। यह खबर भारत के लिए भी टेंशन बढ़ाने वाली है जिसका पूर्वोत्तर का बॉर्डर म्यांमार और बांग्लादेश की सीमा से लगता है।